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Wednesday, September 14, 2011

अभी तो इब्तदाए पुरस्कार है

अऱविंद पथिक
अरविंद पथिकजी बधाई हो
आपको आपके महाकाव्य बिस्मिल चरित पर लखनऊ में प्रतिष्ठित पुरस्कार मिलने जा रहा है,यह हर्ष का और गौरव का विषय है। अभी तो शुरूआत है। अभी और भी कई पुरस्कार आपको मिलने हैं। आश्वस्त रहें।
जयलोकमंगल परिवार
और
अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन
की और से आपको ढेरों बधाइयां..
पंडित सुरेश नीरव

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