घनश्याम वशिष्ठजी
आप भिंड में रहकर भी अपनी पोस्ट नियमित भेज रहे हैं। आप महान हैं। सही है यदि आदमी में लगन हो तो उसके लिए ही यह जुमला मुफीद होता है- कि जहां चाह है वहां राह है। आपका प्रवास सुखद और सार्थक रहे,मेरी जयलोकमंगल कामनाएं..
पं. सुरेश नीरव
00000000000000000000000000000
No comments:
Post a Comment