महर्षि अरविंद |
“हमने शक्ति को छोड़ दिया है
इसलिए शक्ति ने भी हमें छोड़ दिया है। …
कितने प्रयास किए जा चुके हैं।
कितने धार्मिक, सामाजिक और राजनैतिक आंदोलन शुरू किए जा चुके हैं। लेकिन
सबका एक ही परिणाम रहा या होने को है। थोड़ी देर के लिए वे चमक उठते हैं,
फिर प्रेरणा मंद पड़ जाती है, आग बुझ जाती है और अगर वे बचे भी रहें तो
खाली सीपियों या छिलकों के रूप में रहते हैं, जिन में से ब्रह्म निकल गया
है।”
श्रीअरविंद कृतःभवानी मंदिर से000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000
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