यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Tuesday, October 4, 2011
आदरणीय नीरव जी , हंस जी
२अक्तुबर को काव्य गोष्ठी में उनुपस्थित रहा , इसके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ
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