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Saturday, October 1, 2011

हाय ..हाय ये महंगाई .....
कभी तो दिखा दिया करो ज़ालिम,प्यार के भाव 
उकता गया हूँ देख-देख ,बाज़ार के भाव 

घनश्याम वशिष्ठ

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