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Thursday, October 27, 2011

laghukatha

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ब्रह्म भोज
आज शुक्ला जी के घर ब्रह्मभोज था | मृत्यु उपरांत किया जाने वाला भोज | दो साल से शुक्लाजी अकेले रह रहे थे | आर्थराइटिस व डाईबीटीस
से पीड़ित | तीनों बेटों को फुर्सत नहीं थी आकर हाल भी पूछने की | मृत्यु की सूचना पाते ही तीनों ने आकर दाहकर्म किया | तेरह दिन रूककर इस विशाल मकान को प्रोपर्टी डीलर के हाथों बेच दिया | लाखों हाथ आये | तीन हिस्से बँट गए | उसी में से थोडा ब्रह्मभोज में लगा दिया | पंडित व बिरादरी के लोग तारीफ कर रहे थे | ' वाह ! क्या ब्रह्मभोज था ! दिल खोल कर पिता की आत्मा को तृप्त किया है |'
वाकई , ब्रह्मभोज बहुत बढ़िया था |
................................. shobha rastogi shobha
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