यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Friday, November 11, 2011
कुदरत का लतीफा
तोंदू बाल पहलवान
किसी को हंसाने के लिए फूहड़ हास्य कविताओं की जरूरत क्या है। कुछ लोग तो खुद ही हास्यरस का पिटारा होते हैं। कुछ लोगों की शारीरिक विकृति कितनों का मनोरंजन करती है यह क्या बताएं।
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