दूर कहीं अंधेरे में दिखता है एक टुकड़ा रोशनी का |

भगवानसिंह हंसजी ब्लॉग पर प्रकट हुए हैं। वे अपने भवन के जीर्णोद्धार में लगे हुए हैं। यह भी कलयुग की माया है कि की जो काम भक्तों को करना चाहिए जीर्णोद्धार का वह काम आज खुद भगवान को अपनी देखरेख में करना पड़ रहा है। सब भगवान की माया है। बहरहाल हम उन्हें बधाई देते हैं.नए आलीशान मकान के लिए..और धन्यवाद भी लेख पर सार्थक टिप्पणी के लिए..मेरे पालागन..
पंडित सुरेश नीरव
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