अपनी आवाज निर्भीक होकर उठाते रहें
मसीहा को सलाम
आज से 2012 साल पहले 25 दिसंबर की रात मे येरुशलम के एक गडरिए परिवार में
एक दिव्य बालक का जन्म हुआ। जिसका नाम रखा गया-इमेनुएल। इमेनुएल का मतलब है
ईश्वर हमारे साथ है। मानव कल्याण के लिए और सामाजिक अव्यवस्था के खिलाफ
आवाज उठानेवाले इस तीस वर्षीय परिवर्तनकारी नौजवान को तत्कालीन व्यवस्था ने
क्रास पर लटकाकर मृत्युदंड दिया। मानवता के कल्याण के लिए अपने प्राणों का
उत्सर्ग कर इनेनुअल ईसा मसीह बनकर सारे संसार में अमर हो गया। इंसानियत के
उस मसीहा की आज सालगिरह है। आइए संकल्प लें कि हम भी अन्याय के खिलाफ
ईसामसीह की तरह अपनी आवाज निर्भीक होकर उठाते रहें
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