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Sunday, December 25, 2011

कवि सम्मेलन

पंडित सुरेश नीरव का स्वागत करते हुए दिवाकर पब्लिकस्कूल के पदाधिकारी
अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन के सभी सदस्यों को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाएं। 
पिछले दिनों (17 दिसंबर2011) शहीद पंडित रामप्रसाद बिस्मिल के बलिदान दिवस पर हुए दिवाकर कविसम्मेलन में कविता पाठ करने जाते हुए पंडित सुरेश नीरव। उल्लेखनीय है कि इस कवि सम्मेलन में 20 से अधिक कवियों ने कविता पाठ किया था। जिसका समाचार विस्तार पहले ही दिया जा चुका है।  इसके फोटो आज ही श्री रजनीकांत राजू ने डाले हैं। हम इन्हें आपतक पहुंचा रहे हैं। जितने फोटो हमें मिले हैं वे आपके रूबरू हैं-
संस्था के राष्ट्रीय प्रचार सचिव रजनीकांत राजू ने सुकवि डॉक्टर कुंअर बेचैन का माल्यार्पण कर स्वागत किया।
संस्था के राष्ट्रीय प्रचार सचिव रजनीकांत राजू ने सुकवि डॉक्टर कुंअर बेचैन का माल्यार्पण कर स्वागत किया।
इसके बाद तमाम श्रोताओं का और कवियों का आना शुरू हुआ। अरविंद पथिक,मृगेन्द्र मकबूल,अरुण सागर,डॉ.कृष्णकांत मधुर,मुकेश परमार,जयवीरसिंह मलिक,पुरुषोत्तम मारायण सिंह और सम्मेलन के अध्यक्ष श्री भगवानसिंह हंस ने कविता पाठ किया। श्रोताओं का मानना है कि बहुत दिनों बाद कविता के स्तर पर एक बेहतरीन आयोजन आज दिवाकर पब्लिक स्कूल में हुआ है।
श्री गजेसिंह त्यागी का स्वागत किया कविवर अरविंद पथिक ने।
 उल्लेखनीय है कि इस कविसम्मेलन का सफल एवं सरस संचालन सुप्रसिद्ध हिंदी कवि पंडित सुरेश नीरव ने स्वयं किया था। अरुण  सागर की रचनाओं ने आयोजन में खासा समां बांधा। डाक्टर बेचैन ने खूब डूबकर अपनी रचनाओं के जरिए श्रोताओं को मंत्र मुग्ध किया। अरविंद पथिक ने बिस्मिलजी के बलिदान पर बहुत ही मार्मिक कविता सुनाई। जो कि संदर्भ के अनुकूल थी। भगवानसिंह हंस ने जिंदगी एक कटी पतंग रचना सुनाकर खूब वाह-वाही लूटी। श्री गजेसिंह त्यागी की रचनाओं को भी खूब सराहा गया। इसके अलावा मकबूलजी ने उस्तादाना अंदाज में गजलें पढ़कर माहौल को जहां शायराना बनाया वहीं रजनीकांत राजू ने एक इंसान के जन्म को मजहब के चश्मे से कैसे देखा जाता है इस पर व्यंग्य किय।

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