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Sunday, December 11, 2011

ज़रा सोचिए

लोकपाल बिल क संदर्भ में अन्ना ने जंतर-मंतर पर जो बहस आयोजित की थी अपना विचार रखने के लिए उस मंच पर कांग्रेस को भी अपना प्रतिनिधि भेजना चाहिए था। भले ही वह असहमति में अपनी बात कहते। क्या लोकतंत्र का यह रिवाज भी हमारे हुक्मरानों को गवारा नहीं।

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