गत दिनों आदरणीय गजेसिंह त्यागी की कविताओं से गुज़रने का मौका मिला ।उनके कुछ बेहतरीन दोहों को आपको सौंप रहा हूं---
१- पिता मेरे परमात्मा सब पितरों की खान
त्यागी उनकी कृपा से बढे भक्ति औ ग्यान
२- अच्छे कर्मों के लिये कभी न करिये देर
ना जाने किस बात से मौका मिले न फेर
३- जाति-पाति के भेद को रखे जो मन से दूर
सच्चा पूत भी है वही,वही है सच्चा सूर
४- धोखा ,बेईमानी कर, चले चाल पे चाल
त्यागी ऐसे मूढ का सदा बुरा हो हाल
५- ध्यान बंटा हो आपका मन भीतर हो चोर
भूल जायेंगे आप फिर मन-मंदिर का मोर
६- सोच -समझ कर बोलिये, रंच न करो गुमान
रावण जैसों का यहां बच न सका अभिमान
७- अफसर-नेता में लगी धन कमाने की होड
खाली पेट जनता फिरे,मन में उठे मरोड
८- युद्ध आये तो युद्ध कर ,बनकर सेवादार
पुण्य कर्म से ही तेरा होना है ,उद्धार
९- त्यागी इस संसार में सब पैसे का खेल
निर्धन से भगवान भी करते नहीं हैं मेल
१०- कविता तो यक भाव है,जिसका ओर न छोर
इसकी संध्या है नहीं , सदा रहत है भोर
११- कविता बननी चाहिये , जनशिक्षा का स्रोत
सबको अच्छे भाव से, कर दे ओत--प्रोत
१२- कविता ऐसी चाहिये , समझ सके सब कोय
पढ --सुन सब आनंद लें,अच्छी शिक्षा होय
१३- शांति-संपन्नता रहे , रहे प्यार का साल
आने वाला वर्ष हो, सुख-समृद्धि----मिसाल
१४- धनवर्षा होती रहे, सुख संपति के साथ
त्यागी की है ,कामना रहे प्रभू का हाथ
१- पिता मेरे परमात्मा सब पितरों की खान
त्यागी उनकी कृपा से बढे भक्ति औ ग्यान
२- अच्छे कर्मों के लिये कभी न करिये देर
ना जाने किस बात से मौका मिले न फेर
३- जाति-पाति के भेद को रखे जो मन से दूर
सच्चा पूत भी है वही,वही है सच्चा सूर
४- धोखा ,बेईमानी कर, चले चाल पे चाल
त्यागी ऐसे मूढ का सदा बुरा हो हाल
५- ध्यान बंटा हो आपका मन भीतर हो चोर
भूल जायेंगे आप फिर मन-मंदिर का मोर
६- सोच -समझ कर बोलिये, रंच न करो गुमान
रावण जैसों का यहां बच न सका अभिमान
७- अफसर-नेता में लगी धन कमाने की होड
खाली पेट जनता फिरे,मन में उठे मरोड
८- युद्ध आये तो युद्ध कर ,बनकर सेवादार
पुण्य कर्म से ही तेरा होना है ,उद्धार
९- त्यागी इस संसार में सब पैसे का खेल
निर्धन से भगवान भी करते नहीं हैं मेल
१०- कविता तो यक भाव है,जिसका ओर न छोर
इसकी संध्या है नहीं , सदा रहत है भोर
११- कविता बननी चाहिये , जनशिक्षा का स्रोत
सबको अच्छे भाव से, कर दे ओत--प्रोत
१२- कविता ऐसी चाहिये , समझ सके सब कोय
पढ --सुन सब आनंद लें,अच्छी शिक्षा होय
१३- शांति-संपन्नता रहे , रहे प्यार का साल
आने वाला वर्ष हो, सुख-समृद्धि----मिसाल
१४- धनवर्षा होती रहे, सुख संपति के साथ
त्यागी की है ,कामना रहे प्रभू का हाथ
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