यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Sunday, December 11, 2011
शब्दिका -- ----------------- म्रत्यु अविरल कहानी--- जैसे चलनी मे पानी ---- ----------------- प्रकाश प्रलय कटनी -*--------------------
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