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Thursday, December 1, 2011

खादी से बरबादी तक

खादी से बरबादी तक
वह दिन दूर नहीं जब यह सरकार विदेशी दुकानों पर गांधीजी का चरखा और चश्मा भी बेच देगी। यही है गांधीजी का स्वराज। और यही है उनके चेलों की राष्ट्रपिता के लिए श्रद्धांजलि।
जयगांधी-.जय स्वराज
पंडित सुरेश नीरव

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