पीले पड़ गए पात बरस [वर्ष ]के
झड जायेंगे कल
नहीं लौट कर आता है फिर
बीत गया जो पल
कल कल करते उम्र गुजरती
आये कभी न कल
जो कुछ करना आज ही करलो
तभी मिलेगा फल
कर्म निरंतर अपना करते
अग्नि ,वायु ,जल
द्रढ निश्चय से लगे रहो तो
संकट जाते टल
पूर्ण लगन से अपने पथ पर
चलते जो प्रतिपल
पा ही लेते है मंजिल को
आज नहीं तो कल | |
रजनी कान्त शर्मा "राजू"
झड जायेंगे कल
नहीं लौट कर आता है फिर
बीत गया जो पल
कल कल करते उम्र गुजरती
आये कभी न कल
जो कुछ करना आज ही करलो
तभी मिलेगा फल
कर्म निरंतर अपना करते
अग्नि ,वायु ,जल
द्रढ निश्चय से लगे रहो तो
संकट जाते टल
पूर्ण लगन से अपने पथ पर
चलते जो प्रतिपल
पा ही लेते है मंजिल को
आज नहीं तो कल | |
रजनी कान्त शर्मा "राजू"
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