यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Friday, January 13, 2012
शब्दिका -- ----------------- कुर्सी उपर हो गई ./ गोल हुए सिधांत ------ सूरज के घर मे मिली . हमे कबीरा रात ----- ------------------- प्रकाश प्रलय कटनी --
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