ज़रा याद इन्हें भी
कर लो
आज वासंतिक नवरात्र का प्रथम दिन है। आज शैलपुत्री पार्वती के पूजन का विधान है। यह कितना सुखद संयोग है कि जहां आज वासंतिक नवरात्र का शुभारंभ है वहीं आज का दिन वासंती चोला पहनकर भारत मां की आजादी के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग करनेवाले शहीद भगतसिंह,सुखदेव और राजगुरु का बलिदान दिवस भी है। आज से 81 साल पहले ये नौनिहाल फांसी के फंदे पर झूलकर आजादी का अमर इतिहास बन गए। नई पीढ़ी के लिए पेश हैं शहीदेआजम की ये पंक्तियां-
कमाल-ए बुजदिली है अपनी ही आंखों
में पस्त होना
अग़र थोड़ी-सी जुर्रत हो तो क्या
कुछ हो नहीं सकता
उभरने ही नहीं देतीं बेईमानियां
दिल की
वरना कौन-सा कतरा है जो दरिया हो
नहीं सकता।- सरदार भगत सिंह
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