Search This Blog

Friday, March 23, 2012

शहीदों को नमन

लाहौर की सेन्ट्रल जेल में २३मार्च १९३१ को  देश की आज़ादी के
आन्दोलन को एक नई गति मिली ।जन जन आन्दोलन के प्रति 
उठ खड़ा हुआ ।भगत सिंह ने जो सोच कर एसेम्बली में विस्फोट 
किया था वह सपना मूर्त रूप ले रहा था ।भगत सिंह ,राजगुरु और 
सुखदेव को लाहौर की सेन्ट्रल जेल में २३ मार्च १९३१ को फांसी पर 
लटका कर ब्रिटिश हुकुमत ने अपने ताबूत में खुद कील ठोक ली थी।
जेल में रह कर भी इन नौजवानों ने निराशा और उदासीनता से देश 
को  बाहर निकाल कर नये उत्साह का संचार किया।अपनी  मस्ती 
और देश भक्ति के लिए भगत सिंह को आज भी क्रांतिकारियों का 
रोल मोडल माना जाता है ।शहीदों का जब भी ज़िक्र होगा भगत सिंह 
का नाम प्रथम पंक्ति में रखा जायेगा। बलिदान दिवस पर तीनो देश 
भक्तो को मेरा हार्दिक नमन ।
                                           रजनी कान्त राजू 

No comments: