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Sunday, July 29, 2012

प्रलयजी धन्यवाद।

प्रलयजी धन्यवाद। 
गालव ऋषि की तपोभूमि के महाकुंभ में 
आपका स्वागत है।
मगर ये नई सदस्य मंजूजी कौन हैं। 
मैं समझा नहीं। 
क्या आपने 
ये नई सदस्य बनाई हैं।
आप 11 अगस्त को 
पहुंच रहे हैं। 
शुभ समाचार है। 
साथ में कौन है।
या फिर अकेले हैं।
पंडित सुरेश नीरव

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