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Sunday, July 29, 2012

नीरव जी 
नमन 
भूल -चूक 
लेना -देनी 
कभी कभी 
ऐसा  भी हो जाता है ,
आपके ब्लॉग पर चला गया 
हँस जी ,द्वारा मंजू ऋषि जी के स्वागत 
मै बड़े अच्छे स्वागत शब्द लिखे थे .
इतने दिनों बाद हम भी स्वागत कर  बेठे ;;;;;
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बात इतनी सी है 
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गालव ऋषि के रूप मै  आप को 
पाकर धन्य हो गया गुरुदेव ;;;;;;
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जिस ट्रेन से हमारा आना तय है .
उसी ट्रेन से प्रख्यात गीतकारा  डा।प्रेमलतानीलम दमोह जी 
भी आ रहीं हैं ....
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प्रकाश प्रलय कटनी 
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