चाँद से चेहरे की उपमाओं को पहली बार झटका लगा जब नील एल्ड्रेन्न आर्मस्ट्रांग
ने 20 जुलाई 1969 को चाँद की सतह पर पहला कदम रखा था। चाँद पर अपना बायाँ
पैर रख कर प्रकृति पर मानव की विजय का इतिहास रचने वाला वो व्यक्तित्व आज
हमेशा के लिए चन्द्र लोक में चला गया।नील आर्मस्ट्रांग ने 2घंटे 32 मिनट चाँद पर
बिताये और बताया की चाँद भी हमारी पृथ्वी की तरह उबड़ खाबड़ और गड्डे युक्त
सतह वाला है । दूसरी तरफ हमारी जिन्दगी कितनी गड्ढो भरी है हमें अपने जीवन
के जीवन्त अभिनय से बताने वाला कलाकार अवतार किशन हंगल हमें सन्नाटे में
छोड़ कर चला गया। पदम् भूषन ए .के.हंगल ने 225 फिल्मों में चरित्र भूमिका निभाई,
देश की आज़ादी की लडाई में भी भाग लिया ,जेल भी गये । 15 अगस्त को जन्मे श्री
ए.के.हंगल 96 वर्ष की लम्बी पारी खेल कर अपना सफ़र पूरा कर गये । लोक मंगल
परिवार एवं सर्व भाषा संस्कृति समन्वय समिति की और से दोनों महान विभूतियों
को हार्दिक -हार्दिक श्रद्धांजली ।
रजनी कान्त राजू
ने 20 जुलाई 1969 को चाँद की सतह पर पहला कदम रखा था। चाँद पर अपना बायाँ
पैर रख कर प्रकृति पर मानव की विजय का इतिहास रचने वाला वो व्यक्तित्व आज
हमेशा के लिए चन्द्र लोक में चला गया।नील आर्मस्ट्रांग ने 2घंटे 32 मिनट चाँद पर
बिताये और बताया की चाँद भी हमारी पृथ्वी की तरह उबड़ खाबड़ और गड्डे युक्त
सतह वाला है । दूसरी तरफ हमारी जिन्दगी कितनी गड्ढो भरी है हमें अपने जीवन
के जीवन्त अभिनय से बताने वाला कलाकार अवतार किशन हंगल हमें सन्नाटे में
छोड़ कर चला गया। पदम् भूषन ए .के.हंगल ने 225 फिल्मों में चरित्र भूमिका निभाई,
देश की आज़ादी की लडाई में भी भाग लिया ,जेल भी गये । 15 अगस्त को जन्मे श्री
ए.के.हंगल 96 वर्ष की लम्बी पारी खेल कर अपना सफ़र पूरा कर गये । लोक मंगल
परिवार एवं सर्व भाषा संस्कृति समन्वय समिति की और से दोनों महान विभूतियों
को हार्दिक -हार्दिक श्रद्धांजली ।
रजनी कान्त राजू
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