सर धुनना बंद कर ,थोडा सर खुजा रे
अनशन को छोड़ कर ,राजनीती में आ रे
खुद महात्मा बन ,मत सकुचा रे
चेलो को संसद भेज ,बहुमत ला रे
केजरीवाल को नेता चुन ,प्रधानमंत्री बना रे अपनी मर्जी का जन लोक पाल ,पास करा रे
कौशिश कर कौशिश कर ,मत भरमा रे
ईमानदार मंत्री बना ,भ्रष्टाचार मिटा रे
वर्ना फिर घर में बैठ ,शोर मत मचा रे
रजनी कान्त शर्मा "राजू "
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