यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
Search This Blog
Friday, September 28, 2012
गजल की नई अदांयेगी
गजल की नई अदांयेगी बहुत पसंद आई, दिल से बधाई,आपके ही अंदाज में - जो ख़ौफ सोच में था उसे दफ़्न कर दिया यादों के मकबरों में नया जश्न कर दिया। प्रतिक्रिया कर कुछ और रहे थे, प्रतिक्रिया दे गए, तुम्हारी गजल के जश्न में यों खो गए। भगवान सिंह हंस
No comments:
Post a Comment