मां चंद्र घंटा
नवरात्र का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा का दिन है। शिखर पर चंद्रमा है। और नाद इनकी शक्ति है। महिषासुर को मारने के लिए मां चंद्रघंटा ने नाद का ही प्रयोग किया था। इस तरह नाद को इन्होंने शस्त्र और शास्त्र दोनों निरूपित कर दिया। संगीतकारों और साहित्यकारों की आराध्य हैं- मां चंद्रघंटा।
विशेषमंत्र-ऊँ-ह्रीं-क्लीं वाग्वादिनी देवी सरस्वती मम् जिह्वाग्रे वसं कुरु-कुरु-स्वाहा।
नवरात्र का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा का दिन है। शिखर पर चंद्रमा है। और नाद इनकी शक्ति है। महिषासुर को मारने के लिए मां चंद्रघंटा ने नाद का ही प्रयोग किया था। इस तरह नाद को इन्होंने शस्त्र और शास्त्र दोनों निरूपित कर दिया। संगीतकारों और साहित्यकारों की आराध्य हैं- मां चंद्रघंटा।
विशेषमंत्र-ऊँ-ह्रीं-क्लीं वाग्वादिनी देवी सरस्वती मम् जिह्वाग्रे वसं कुरु-कुरु-स्वाहा।
No comments:
Post a Comment