Search This Blog

Saturday, October 20, 2012

विजयं देहि भयेभ्यः पाहि सर्वदा।

मां कात्यायनी
नवरात्रि की छठी शक्ति मां कात्यायनी है। कात्याययन ऋषि की पुत्री कात्यायनी का अवतरण महिषासुर के वध के लिए हुआ था। और ब्रह्मा,विष्णु और महेश ने अपनी-अपनी शक्तिया देकर इनको प्रगट किया। अश्विन कृष्णपत्र की दशमी को कात्यायनी ने महिषासुर का वध किया था। भगवान राम ने भी रावण बध के लिए कात्यायनी की ही पूजा की थी। मंत्रः कात्यायनी जगन्मातः प्रपन्नहरे शिवेसंग्रामे विजयं देहि भयेभ्यः पाहि सर्वदा। भगवान राम ने इसी मंत्र के जरिए कात्यायनी की आराधना की थी।
-पंडित सुरेश नीरव

No comments: