मां कूष्मांडा
नवरात्रि
में देवी भगवती का चतुर्थ रूप हैं-मां कूष्मांडा। ब्रहमांड को उत्पन्न करने के
कारण इनको कूष्मांडा कहा गया। ये आदि स्वरूपा और आद्यशक्ति के रूप में प्रतिष्ठित
हैं। जीव के गुणों में लक्षण,भाव और संकेतों में इनका निवास है। इनके पूजन से
स्वास्थ्य,आयु,यश और बल की प्राप्ति होती है।
मंत्रः देहि सौभाग्यारोग्यं देहि में परमम सुखम
रूप देहिजय देहि यशो देहि द्विषो जहि
No comments:
Post a Comment