सप्तम कालरात्रि
सप्तम कालरात्रि
नवरात्रि की सातवीं देवी हैं-कालरात्रि। जो तंत्र-मंत्र और साधना की
स्वामिनी हैं। असुरों से युद्ध क्षेत्र में इन्होंने जो अपना विकराल कुप
दिखाया वह अप्रतिम था।
इनकी उपासना का मंत्र है-
।। जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तु ते।।
सोचा था कट जाएगी हँसते गाते यूं ही
जीवन की कड़वी सच्चाई को जान नहीं पाया
बचपन जवानी गुजरा हाथ मलते मलते
सारी उम्र भी मैं कुछ कमा नहीं पाया
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