यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Saturday, October 20, 2012
आनंद से आनंदित हूं।
घनश्याम वशिष्ठजी और प्रकाश प्रलयजी आप दोनों की रचनाओं के आनंद से आनंदित हूं। आप को अनेक बधाइयां। -सुरेश नीरव
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