यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
Search This Blog
Monday, October 22, 2012
मर मर कर भरता हूँ, महीने भर का बिल कैसे कहूँ खुद को ,पढ़ा लिखा ....काबिल घनश्याम वशिष्ठ
No comments:
Post a Comment