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Saturday, November 10, 2012


दिल -जलिकाएँ ----
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1
दुनिया वाले 
कितने भले 
दिल -जले --
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2
अपने ही 
अपनों के 
काटते गले --
दिल -जले --
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3
खाकर 
पत्तल में 
छेद कर चले --
दिल -जले --
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4
सम्बन्धों से 
बेहतर 
कचहरी -थाने भले --
दिल -जले --
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5
उसी को त्यागा 
जिसकी 
गोद में पले --
दिल -जले --
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6
पिता की 
उँगली छोड्दी 
साँझ ढले --
दिल -जले --
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7
मन -भेदों की 
अनंत दूरी 
अब तो टले --
दिल -जले --
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दीप पर्व की 
शुभकामनाएँ ------
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प्रकाश प्रलय 
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