चंद शेर कहने की कोशिश :- गलतियाँ हो सकती हैं , कृपया अवश्य कमेंट लिखें। जिन्हें ठीक कर सकूँ
मैं तो उसकी उलझनों को सुलझाने चला था
सुलझाते हुए मैं खुद ही उसमे उलझ बैठा .
सुना था लोग प्यार मैं अंधे हो जाते हैं
प्यार किया तो मालूम हुआ क्यों लोग यह कह जाते हैं
जबसे मैं उनसे मिला पता नहीं क्यों मशहूर हो गया
गुमनाम सा था मैं ,अब दीवानों मैं शामिल हो गया
पीयूष चतुर्वेदी "शैल"
ग्वालियर
जबसे मैं उनसे मिला पता नहीं क्यों मशहूर हो गया
गुमनाम सा था मैं ,अब दीवानों मैं शामिल हो गया
पीयूष चतुर्वेदी "शैल"
ग्वालियर
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