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Saturday, January 5, 2013

नया,साल,--
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साल
नया साल
कैसा नया साल
कहां नया,साल
कौन नया साल
सब कुछ जैसा का तैसा
हाल ,फटे,हाल ,,,,,
कैसा नया साल .....
मानवीयता केमुंह पर टेप  ,
रेप दर गैंग रेप
कानून हुआ बदहाल ,
कैसा नया साल ......
मुखप्रष्ट पर जो दिखते है
खुले आम वो बिकते है ,,
नैतिकता का अकाल ,,,
कैसा नया साल ,,,,,,,,
सब कुछ वही ,बदला,कुछ भी  नहीं ,
मगर हाँ बदले है आदमी
बदले है मूल्य ,बदले है आचरण
बदले है नेता ,बदले है अभिनेता
बदला है वातावरण ,बदली है परम्पराएं
बदले है छल ,बदले है दल ,
बदल गई नज़रें बदल गए नज़ारे
बदल गई नीति बदल गई नीयत
बदल गई रोटी ,बदल गई दाल .....
बदल गया केलेंडर बदल गया साल
लेकिन अपना वैसा ही है हाल ,..
सूख गये आंसू ,ये कहते कहते
ऐसा भी हो ,या जैसा भी हो
मुबारक,मुबारक ,मुबारक नया,साल,-----
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प्रकाश प्रलय
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1 comment:

sharad said...

haasy se lekar vyangy se hokar marm tak ka safar! badhai pralay ji