दिनांक २० जुलाई २०१३ की रात "वाह -वाह क्या बात है " कार्यक्रम सब टी वी पर देखा
कार्यक्रम देख कर लगा की शेलेश लोडा या तो अब अच्छे कवि बुला नहीं पा रहे है या
पंडित सुरेश नीरव को फेवर करने के लिए जानबूझ कर कोई उनकी टक्कर का कवि नहीं
बुलाया , कार्यक्रम में एक कवि ने तो मात्र फ़िल्मी गानों की पैरोडी सुनाई,उसमे भी न लय
थी न ताल , दुसरे हरियाणा के कवी पर तो लिखी हुई कविता भी ठीक से नहीं पढ़ी गई ,हमारे
बच्चे कह रहे थे की इन से अच्छा तो हम पढ़ देते,कार्यक्रम में केवल नीरव ही नीरव छाये
रहे , उनकी उत्कृष्ट रचनाओ ने ही बरसाती फुहार का आनंद दिया ,नीरव जी सर्व श्रेष्ठ थे ,उन्हें
सम्मानित भी किया गया ,मेरी एवं मेरे परिवार तथा साथियों की और से नीरव जी को हार्दिक बधाई
कार्यक्रम देख कर लगा की शेलेश लोडा या तो अब अच्छे कवि बुला नहीं पा रहे है या
पंडित सुरेश नीरव को फेवर करने के लिए जानबूझ कर कोई उनकी टक्कर का कवि नहीं
बुलाया , कार्यक्रम में एक कवि ने तो मात्र फ़िल्मी गानों की पैरोडी सुनाई,उसमे भी न लय
थी न ताल , दुसरे हरियाणा के कवी पर तो लिखी हुई कविता भी ठीक से नहीं पढ़ी गई ,हमारे
बच्चे कह रहे थे की इन से अच्छा तो हम पढ़ देते,कार्यक्रम में केवल नीरव ही नीरव छाये
रहे , उनकी उत्कृष्ट रचनाओ ने ही बरसाती फुहार का आनंद दिया ,नीरव जी सर्व श्रेष्ठ थे ,उन्हें
सम्मानित भी किया गया ,मेरी एवं मेरे परिवार तथा साथियों की और से नीरव जी को हार्दिक बधाई
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