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Thursday, December 12, 2013

रामअवतार बैरवा के अशआर




* सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति-
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सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति की कोशिश रहती है कि आज जो लिखा जा रहा है और जो अपने खास अंदाज़ के कारण लोगों की जुबान पर है ऐसे मशहूर अशआरों से आपको रू-ब-रू कराया जाए। लीजिए इसी क्रम में पेश हैं *** राम अवतार बैरवा के दो शेर। हमारी यह कोशिश आपको कैसी लगी कृपया अपनी राय ज़रूर दीजिएगा।
*****-सुरेश नीरव

*हार्दिक आभार* हार्दिक आभार* हार्दिक आभार* हार्दिक आभार* हार्दिक आभार* हार्दिक
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***** श्री राहुल गुप्ता स्पर्शी के अशआरों पर हमें अपने इन पाठकों की प्रतिक्रियाएं मिली हैं- सर्वश्री- प्रहलाद पारीकजी,सागर आनंदजी,द्वारिका प्रसाद अग्रवालजी,राहुल गुप्ताजी,प्रवीण कुमारजी,रजेश नीरजजी,किशन साधजी,अंकित चहल विशेषजी,धीरज चौहानजी,रजनी अवानीजी,राहुल गुप्ताजी,विष्णु विराटजी,सीमासिंहजी,नीतू राठौरजी,धीरज चौहानजी,गोप कुमारजी,दिनेश दीवानाजी,सुरभि वर्माजी,देवेन्द्र पांडेजी,हसन काजमीजी,कंचन सिंहजी,सुधाकर पाठकजी,विमलेंदु सागरजी,प्रमोद कुमारजी,शशीश कुमार तिवारीजी,रंजीत उपाध्यायजी,गिरीश पंकजजी,राज चड्ढ़ाजी,आशु गौतमजी और प्रकाश प्रलयजी।
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सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति की और से हम अपने इन सभी सुधि पाठकों का हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं और उम्मीद करते हैं कि भविष्य में भी इसी तरह अपनी राय से हमें अवगत कराते रहेंगे।
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