ज़िंदगी
और भी एहसास के हो जाए क़रीब
दिल
के जख्मों को ज़रा और तू गहरा कर दे।
देखी
अल्फाज़ के चेहरों पर ख़यालों की तपन
इन
पे नगमों के सितारों का तू साया कर दे।
-पंडित सुरेश नीरव
देखी
अल्फाज़ के चेहरों पर ख़यालों की तपन
इन
पे नगमों के सितारों का तू साया कर दे।
No comments:
Post a Comment