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Wednesday, July 8, 2009

ये ब्लॉग भी इंम्तहान लेता है


ये ब्लॉग भी इंम्तहान लेता है
लिखनेवालों की जान लेता है
खूब लिखो सब उड़ जाएगा
ब्लाग शरारत की ठान लेता है
भगवान सिंह हंसजी आपका जूता खूब चला। बधाई। ऐसे ही लिखते रहें। और दिखते रहें।
मकबूलजी आपका मोबाइल ठीक हो जाए तो मिसकॉल मारने की जहमत जरूर उठाएं। और कसौली यात्रा को विस्तार से लिखें। ब्लागर बंधुओं को भी तो मज़ा दीजिए।राजमणीजी की रचना खूब अच्छी रही।
पं. सुरेश नीरव

1 comment:

'' अन्योनास्ति " { ANYONAASTI } / :: कबीरा :: said...

बहुत -बहुत झेला है बड़ा झमेला है ,
कितनी पोस्टें-कमेन्ट
इसने जाने कहाँ ठेला है ||

जब लिखा तुझे प्यार लिखूं
यह बोला '' तजे पार लखूं ''