अमची मुंबई में चौबे चकल्लस
उत्तर भारतीयों को देखकर राज ठाकरे ऐसे बिदकते हैं जैसे कछुआ छाप अगरबत्ती को देखकर मच्छर और लाल कपड़े को देखकर सांड़। मगर तब क्या होगा जब देशभर के चौबे मुंबई में भंग घोंटेंगे एक साथ इस्कॉन मंदिर में। छान-छान किसी ठाकरे की मत मान। जब निकल जाएंगे प्राण तो कौन कहेगा छान।..जय बंसीवारे की। ठहाकों और बुक्काफाड़ हँसी के फब्बारों के बीच होगा मस्त मलंगों का सरबत खालसा। होलीपुरा,मैनपुरी,तरसोखर, चंद्रपुर, फरौली तमाम टापुओं के रेजीमेंट वहां तैनात होंगे। मुंबई के मंत्रीजी सतीश चतुर्वेदी, दिल्ली से महामंत्री डॉ.प्रदीप,एवर ग्रीन मुनीन्द्र नाथ चतुर्वेदी और न जाने कितने रणबाकुरे मंबई देवी की दरबार में हाजरी लगाएंगे। मगर ३० प्रतिशत पानी की कटौती क्या गुल खिलाएगी। संतरे में ही थाननी पड़ेगी। या फिर संयोजक सुभाष चौबे को कुछ विशेष इंतजाम करना पड़ेगा। खैर सब भली करेंगे भगवान...।वरना कान पर जनेऊ चढ़कर चौबै पूछेंगे कि पानी कहां है? तब सभी कड़ुए चौबै करेंगे चबाव। तो जरा बचना सुभाष जनाब। बहरबाल जनाब हम सबेरेवाली गाड़ी से आ रहे हैं। साथ में मकबूलजी और मधुबाला को ला रहे हैं। होशियार,खबरदार, सावधान...
पं. सुरेश नीरव
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