कंप्युटर महाराज की नाराज़गी की वजह से दो बार का लिखा उड चुका है ।चंद्रसेन विराट की दो पंक्तियां लिखकर उपस्थिति दर्ज करा रहा हूं --
कुछ यश दिया तो साथ -साथ दर्प भी दिया
मुझको दवा के साथ जहर दे दिया गया
कस्बे की ज़िंदगी मे सुखी रह न सकुं मै
वनवास भोगने को शहर दे दिया गया
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