यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Saturday, July 18, 2009
भाई अरविंद पथिक,तुम कहां भटक गए हो, जो तुम्हें इस तरह की अनुभूतियां हो रही हैं। शहर में वनवास वो भी कांवरियों के दौर में। कंप्यूटर आपका जल्दी ठीक हो मेरी शुभकामनाएं. आप जल्दी-जल्दी ब्लॉग पर आएं..बहाने न बनाएं मधु चतुर्वेदी
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