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Sunday, July 19, 2009

अहो सौम्यं अहो मधुरं ,का समारोह

कल होरी की किताब (रहीम कबीर और होरी के दोहे) का विमोचन इंडिया इंटरनेशनल सेंटर मे हुआ।एक नीरवजी के वकतव्य को छोड दिया जाय तो नितांत नीरस ।संचालिका मधु चतुर्वेदी की पुरी कोशिश स्वयं की विद्वता स्थापित करना लग रहा था ।उसमें वे पूरी तरह सफल रहीं।ये अलग बात है कि कार्यकृम बार बार पटरी से उतरता रहा।आत्ममुग्ध लेखक,चापलूसी करते आलोचक एवं चेहरा दिखाने आये श्रोता कुल मिलाकर पुरा कार्यकृम अहो सौम्यं अहो मधुरं ,का समारोह था।इस कार्यकृम के अथ और इति पं सुरेश नीरव थे।पं नीरवजी के पराकृम को पृणाम।

1 comment:

Anonymous said...

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