Search This Blog

Thursday, July 16, 2009

कांवरियों का कहर
नीरवजी ने आज के संदर्भ में कांवरियों का कहर का बड़ा ही अहम मुद्दा अठाया है। सावन क्या अाता है साथ में एक सर दर्द लेकर ऐता है। आस्था का जहर है यह कांवरियों का कहर। अब इसमें श्रद्धा कम और गंड़ागर्दी ज्यादा हो गई है। तमाम शहरों में लोगों का अपने काम पर जाना भी मुहाल हो जाता है। बलात्कार और लूट की भी तमाम घटनाएं सुनने को मिलती हैं। ये कांवरियों की नौटंकी बंद होना चाहिए। मैं नीरवजी को समर्थन देता हूं।
चांडाल

No comments: