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Thursday, July 9, 2009

पूरी गजल याद हो गई । आपको बधाई

आदरणीय नीरवजी आपकी हास्य गजल अच्छी लगी।

आयोडीन मिलाया उसने जलवों के नमकीन में
यौवन पैक किया हो जैसे हुस्न की पॉलीथीन में

पावर हाउस छिपा देखा है अब तो हरइक हसीन में
हाईवोल्ट का करेंट लगा तो हम औंधै गिरे ज़मान में
नागिन ने एक फ्लैट बनाया आकर जब से बीन में
हमें सपेरा मिला बेचता कुल्फी सीयाचीन में
जोकर एक उछलता देखा हमने दिल की क्वीन में
इडली से डोसा टकराया कॉलिज की कैंटीन में
रहे तीन न तेरह में तुम नीरवजी आराम करो
मंचों पर अब गधे दौड़ते हैं घोड़ों की जीन में।


पूरी गजल याद हो गई । आपको बधाई
भगवान सिंह हंस

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