आज ३ दिन बाद कसौली, सोलन और चैल घूम कर वापस लौटा तो ब्लॉग देख कर अच्छा लगा, कसौली की मनमोहक पहाडियों और वादियों में ३ दिन कैसे निकल गए पता ही नहीं चला। बेहद शांत और हसीन जगह है। कर्नल विपिन जी, बधाई के लिए धन्यवाद। आपकी और बहुत सी ख़बरों के बारे में जान ने उत्सुकता रहेगी। कृपया शीघ्र ही उनके बारे में भी जानकारी दें।
मृगेन्द्र मकबूल
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