मेरा नाम चांडाल है
नीरवजी आपने मेरी टिप्पणी को ्रविंद पथिक की टिप्पणी मानकर जो टीका-टिप्पणी की उससे मैं बहुत दुखी हुआ हूं मेरी मेहनत को आप ने उनके खाते में डाल दिया जो इतनी अच्छी टीका-टिप्पणी कर ही नहीं सकते। इससे ज्यादा अच्छी भले ही कर दें। चलिए इस बहाने आपने उन्हें याद कर लिया। जुन्होंने आपको याद नहीं किया।
चांडल
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