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Wednesday, July 29, 2009

कवि का ह्रदय सरल होता है

कवि का ह्रदय सरल होता है
भीतर मगर गरल होता है।

हिम पर्वत के ही अंतस में
पावन गंगा जल होता है।

साहस के तेवर के आगे
हर मुश्किल का हल होता है।

स्याह अँधेरी रात के ढलते
यार सुनहरा कल होता है।

तख्त ताज को ख़ाक बनादे
बहुत बुरा ये छल होता है।

दुनिया के जंगल में केवल
माँ का ही संबल होता है।

मैं जिसको पढता हूँ यारो
उसका नाम ग़ज़ल होता है।
मृगेन्द्र मकबूल

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