यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Tuesday, July 28, 2009
मकबूलजी
पालागन वो मंजर भी देखो यारो कितना मनभावन होता है जब छोटे और बड़ों के बीच पालागन होता है
विजया की मस्त भवानी हो मस्ती में डूबी वाणी हो अलग दूघ और पानी हो अलहड़ पन जब जीवन जीने का साधन होता है तब पालागन होता है
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