भाजपा का भाग्य उससे ऐसा रूठा है िक उसके अपने भी उसका साथ देने से परहेज करने लगे हैं- तभी तो कहा गया हा िक बुरे िदन आते हैं तो हाथी पर बैठे आदमी को भी कुत्ता काट खाता है।
एक कुत्ते से दूसके कुत्ते ने पूछा
तुम्हारा कुनवा कौन सा है?
तुम्हारा खानदान कौन सा है
तुम्हारी औकात क्या है? दूसरे ने तुरंत जबाव िदया- ऐसा क्यों पूछते हो?
तुम्हें नहीं पता िक आज के िहन्दुस्तान में एक खबर छपी है िक कुत्ते-े िलए कुितया और कुितया के िलए कुत्ते चािहए। आपको कैसा चािहए?
सत्ताधारी युवा नेता की तरह दूरदृिष्ट वाला और भाजपा के बूढ़े नेताअों की तरह सवाथी$ होने चािहए.।
पहले कुत्ते ने कहा- ठीक है।
क्या लेनदेन की बात आज ही करेंगे या बाद में...
अशोक मनोरम
1 comment:
लेनदेन की बात तो खैर आराम से हो जायेगी. :)
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