भाईयो,
पिछले कुछ दिनों कुछ व्यस्तताओं और कुछ तकनीकी वजहों के चलते आप लोगों के सुंदर विचारों और रचनाओं को देखने का मौका नहीं लग पा रहा था ।
आज कई भाईयों की रचनाएं पढ़ीं अच्छा लगा, मैं सभी को दिली बधाई देता हूं और खासकर भाई अशोक मनोरम को उनकी बरसात रचना और भाई हरेराम समीप के दोहे के लिए भी उन्हें बधाई देता हूं ।
साथ ही मुझे बहुत सूनापन लगा कि भाई पं. नीरव जी की रचनाओं और विचारों से वंचित होना पड़ा, रहा नहीं गया तो उनसे बात कि उनकी भी कुछ मजबूरियां मालूम पड़ी । खैर मैं आपको यह बताना चाहूंगा कि जल्द ही वे ब्लाग पर आएंगे । मेरी शुभ इच्छाएं उनके लिए हैं । इतने सभ्य, विचारवान और सबसे बड़ी बात आज के इस तनाव भरे माहौल में खुद अगर परेशान हों भी सभी को हँसाने की कोशिश में सफलतम इनसान को मैं प्रणाम करता हूं और आप सभी को और तेजी से इसे और फैलाने का निवेदन करता हूं ।
प्रदीप कुमार शुक्ला
No comments:
Post a Comment