यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Thursday, August 27, 2009
धांसू गजल कही है
नीरवजी बड़ी धांसू गजल कही है आपने। मजा आ गया। ऐसे ही कहते रहें। और हमारे मन को खुश करते रहें। मधु चतुर्वेदी
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