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Monday, August 24, 2009

>आज भाईयो, आपको मैं राहुल उपाध्याय की लिखी ये पंक्तियां दे रहा हूं उम्मीद है पसंद करेंगे-
एक अच्छा खासा इंसान
फ़ौरन बन जाए मिल जाए माचिस
और जल जाए मकान

पी ले पीलें जाम हो जाए तबियत हरी
आव देखे न ताव
कह दे बातें खरी

ये कैसा पदार्थ उसने पिया?
कि कोई भी उसे न कहे पिया?
हर कोई कहे रंगीला उसे
न राधा चाहे न शीला उसे
(इस पहेली का उत्तर इसकी अंतिम पंक्ति में छुपा हुआ है।)
प्रस्तुतिः प्रदीप कुमार शुक्ला

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